Yadav, Kalpnath Singh. (2013). “विद्यालयी शिक्षा और जौनसार बावर जनजाति: एक वैयक्तिक अध्ययन”।. Unpublished. ERIC, Education
Objectives:
1.
जौनसारी जनजाति
में में निम्न शैक्षिक स्तर क्यों है?
2.
इस
जनजाति में निम्न शिक्षा स्तर के कारणों का पता लगाना।
3.
जौनसारी लोगों के बच्चों के शिक्षा में ड्रॉप आउट का क्या स्तर है?
4.
बदलते
परिदृश्य में जौनसारी लोगों में प्रचलित सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, एवं अन्य
अंधविश्वासों को ज्ञात करना तथा इन अंधविश्वासों का जौनसारी जनजाति के निम्न
शिक्षा स्तर के सम्बन्धों का पता लगाना।
5.
सरकार द्वारा प्रयासों की भूमिका का इस जनजाति के शैक्षिक
स्तर की उन्नति में योगदान का पता लगाना।
6.
इस जनजाति के माता-पिता का अपने
लडके एवं लडकियों की शिक्षा के प्रति प्रवृति एवं व्यवहार का पता लगाना।
7.
स्कूल पाठ्यक्रमों में जौनसार
जनजाति के सामाजिक एवं सांस्कृतिक प्रतिनिधित्व का पता लगाना।
8.
जनजातियों के शैक्षिक उन्नयन हेतु
उपाय सुझाना।
Population:
वर्तमान अध्ययन का
उद्देश्य उत्तराखंड क देहरादून जनपद में जौनसार बावर जनजाति के विद्यालयी शिक्षा
के स्थिति को शैक्षणिक दृष्टिकोण से ज्ञात करना है। शोध
हेतु अध्ययन को जौनसार बावर क्षेत्र पर ही केन्द्रित किया गया है।
Sampling Technique:
प्रस्तुत परियोजना में
निर्देशन का विस्तार देहरादून जनपद के
अंतर्गत अधिकांश क्षेत्रों तक होने के कारण अध्ययन की इकाइयों के चयन हेतु निदर्शन
के तहत दैव निदर्शन के लौटरी पद्धति का उपयोग किया गया है।
Sample size:
इस शोध परियोजना में
निदर्शन का आकार बड़ा है जिसमें 5000 उत्तरदाताओं को लिया गया है।
प्रस्तुत अनुसन्धान में
जौनसार बावर जनजाति के छात्र/ छात्राओं के सामाजिक- सांस्कृतिक, आर्थिक,
पारिवारिक, शैक्षणिक व विद्यालयी शिक्षा आदि का अध्ययन करके विस्तृत सूचनाओं को प्राप्त करने हेतु एक साक्षात्कार-अनुसूची
का निर्माण किया।
प्रस्तुत अध्ययन हेतु मुख्यतः
प्राथमिक स्त्रोतों जैसे- साक्षात्कार – अनुसूची व अवलोकन इत्यादि प्रविधियों द्वारा
प्राप्त आंकड़ों पर आधारित है। किन्तू विभिन्न तथ्यों के विश्लेष्ण, विवेचन एवं मूल्यांकन के
द्वितीयक स्त्रोतों की भूमिका भी उल्लेखनीय रही है।
Method of Research:
प्रस्तुत वैयक्तिक अध्ययन
जौनसार बावर जनजाति क विद्यालयी शिक्षा से सम्बन्धित है एवं
अध्ययन की शोध प्ररचना वर्णनात्मक पद्धति पर आधारित है। इसके अतिरिक्त तथ्यों को वास्तविक रूप में प्रकट
करने हेतु अन्वेषणात्म्क पद्धति का भी उपयोग किया गया है। अतीत के तथ्यों को जानने
के लिए ऐतिहासिक पद्धति का प्रयोग किया गया है क्योंकि प्रत्येक समाज का इतिहास
उसके वर्तमान स्वरुप का मूलाधार होता है। अतीत की सहायता से वर्तमान को समझने की
विधि में ही ऐतिहासिक पद्धति के साथ तुलनात्मक पद्धति का भी प्रयोग किया गया है।
Techniques used for data analysis:
जौनसार बावर जनजाति में
विद्यालयी शिक्षा के प्रभाव को वर्गीकरण, सारणीयन तथा निवर्चन के माध्यम से
प्राप्त सूचनाओं का सांख्यिकीय विश्लेष्ण किया गया।
Findings:
निम्नलिखित निष्कर्ष है जो
कि इस प्रकार हैं- जौनसार बावर क्षेत्र के विद्यालयों में नियमित निरीक्षण की वाव्यस्था
नही है और जिला विद्यालय निरीक्षक और उनके साथ योग्य एवं अनुभवी व्यक्तियों की कमी
है। शिक्षण विधियाँ
लचीली एवं गतिशील नही हैं। शिक्षकों को उचित निर्देशन सामग्री प्राप्त नही है जिससे
भी ड्रॉप आउट की समस्या है। पाठ्यपुस्तकें
तैयार करने क लिए प्रांतीय व क्षेत्रीय स्तर पर व्यापक योजना की कमी है।
व्यावसायिक वर्ग की पाठ्यचर्या स्थान विशेष की आवश्यकताओं पर नही है।
विद्यार्थियों के लिए निर्देशन एवं परामर्श की व्यवस्था की कमी है। कक्षा 10 के
अंत में पूरे प्रदेश में सार्वजनिक परीक्षा होनी चाहिए। इसकी व्यवस्था माध्यमिक
शिक्षा बोर्ड करे तथा उत्तीर्ण विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र प्राप्त करायी जाय।
Educational Implications:
प्रस्तुत अध्ययन जौनसार
बावर जनजाति के विद्यालयी शिक्षा से सम्बन्धित विभिन्न तथ्यों को उजागर करेगी तथा
भविष्य के अध्ययनों की रूपरेखा निर्माण व उनके नियोजन में सहायक सिद्ध होगी।
यह शोध परियोजना देश में पद्धतिशास्त्रीय
नवाचार व सैद्धांतिक निर्माण के सन्दर्भ में भविष्य के सभी अध्ययनों हेतु
आंकड़ा प्रदान करने तथा अन्य अभिलेखों के मामले में भी उपयोगी एवं लाभदायक सिद्ध
होगी। बदलते सामाजिक परिवेश में जौनसार बावर जनजाति के
विद्यालयी शिक्षा के मूल व वास्तविक कारणों का पता लगाने के सन्दर्भ में यह शोध
अत्यधिक प्रासंगिक होगा। क्योंकि
पूर्ववर्ती अध्ययन या तो उनकी किसी एक दशाओं तक सीमित होकर रह गये हैं अथवा प्राचीनतम
आदि हैं। वर्तमान
अध्ययन इस कमी को पूरा करेगा। जैसा कि विदित है कि ज्ञान प्राप्ति के क्षेत्र में
आनुभविक अध्ययन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस दृष्टि से यह अनुसन्धान परियोजना जौनसार बावर जनजाति
में विद्यालयी शिक्षा के स्तर को ऊँचा करने में कारगर साबित हो सकता है। इस तरह ज्ञान के क्षेत्र में यह एक नवीन योगदान है, तथा
पूर्ण होने के स्तर पर उत्पादों का सम्भावित प्रयोग आगे किया जा सकेगा।
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